scriptमंच पर आया सीएम योगी को गुस्सा, अपने ही विधायक को मंच से फटकारते हुए उनके बुद्धि-विवेक पर सवाल उठा दिए | CM Yogi angry on BJP MLA publicly, know the reason | Patrika News
गोरखपुर

मंच पर आया सीएम योगी को गुस्सा, अपने ही विधायक को मंच से फटकारते हुए उनके बुद्धि-विवेक पर सवाल उठा दिए

पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे व निवर्तमान विधायक को लगाई फटकार, विधायक ने युवाओं के रोजगार का मुद्दा सार्वजनिक रूप से उठा दिया था

गोरखपुरMay 29, 2019 / 02:35 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

Yogi Adityanath and fateh bahadur singh

मंच पर आया सीएम योगी को गुस्सा, अपने ही विधायक को मंच से फटकारते हुए उनके बुद्धि-विवेक पर सवाल उठा दिए

उपचुनाव में गंवा चुके गोरखपुर संसदीय सीट पर पुनः कब्जा जमाने के बाद मंगलवार को भाजपाइयों ने बड़ा जश्न मनाया। बूथ लेबल के कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया। जीत के इस जश्न में सीएम योगी आदित्यनाथ समेत बड़े नेता भी शामिल हुए। लेकिन मंच से ही रोजगार आदि का मुद्दा उठाना सत्तापक्ष के विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के सुपुत्र फतेह बहादुर सिंह को भारी पड़ गया। रोजगार व युवाओं की बात करने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरेआम मंच से उनको जवाब दे डाला। राजनैतिक गलियारे में इसकी खूब चर्चा हो रही है।
दरअसल, मंगलवार की शाम को गोरखपुर में बूथ कार्यकर्ता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। मंच संभालते ही पूर्व मंत्री व भाजपा के कैंपियरंज विधायक फतेहबहादुर सिंह ने जीत की बधाई देते ही यह कह दिया कि अब युवाओं के रोजगार व सम्मान के लिए काम होना चाहिए। रोजगार सृजन पर काम होना चाहिए। उन्होंने अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के पूर्वांचल के विकास के लिए उठाए गए कदम को याद करते हुए इसे और गति देने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए।
मंच पर बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह बात नागवार लगी। जब वह संबोधन करने पहुंचे तो उन्होंने अपने विधायक को आड़े हाथो लिया। सबसे पहले उन्होंने गोरखपुर संसदीय सीट पर जीत को स्वभावित व भाजपा सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्याें की जीत बताया। फिर उन्होंने विधायक जी पर बिफरते हुए सार्वजनिक रूप से कहा कि वह कहते हैं रोजगार चाहिए। क्या फर्टिलाइजर रोजगार का साधन नहीं है। पिपराइच में चीनी मिल लगी है क्या वह रोजगार व नौकरी का साधन नहीं है। एम्स में जो नौकरियां आएंगी क्या उससे रोजगार नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह बुद्धि की कमी और विवेक का अभाव है। जब व्यक्ति बुद्धि का प्रयोग नहीं करता है तो इस प्रकार की अनावश्यक बातों को कर उपलब्धियों पर पानी फेरने का काम करता है।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सार्वजनिक रूप से बिफरे हो। चुनाव के दौरान ही कार्यकर्ता सम्मेलन में वह कार्यकर्ताओं से सवाल करते हुए वक्त कह दिए थे कि ये कार्यकर्ता हैं या भाड़े पर लाए गए हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो